INTERMEDIATE कि शिक्षा के लिए टीचर की Qualification हुईं तय अब ये डिग्री धारक ही बन सकते है TEACHER
2030 से चार वर्षीय बीएड वाले ही बन सकेंगे शिक्षक, एनईपी के तहत 12वीं कक्षा तक के लिए टीचरों की योग्यता तय
INTERMEDIATE कि शिक्षा के लिए टीचर की Qualification हुईं तय अब ये डिग्री धारक ही बन सकते है Teacher.
अब वर्ष 2030 से 4 वर्षीय B.ed या 4 वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) डिग्री धारक ही शिक्षक बन पाएंगे। नई एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) की सिफारिशों के तहत बाल वाटिका से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए टीचर की न्यूनतम योग्यता निर्धारित कर दी गई है। इनमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड भी शामिल हैं।
NEP: 2030 से चार वर्षीय बीएड वाले ही बन सकेंगे शिक्षक, एनईपी के तहत 12वीं कक्षा तक के लिए टीचरों की योग्यता तय
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है।
टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें, यह सवाल 12वीं के बाद टीचर बनने के इच्छुक हर छात्र के मन में आता है। एक शिक्षक एक पेशेवर होता है जो अकादमिक शिक्षा के माध्यम से बच्चों को ज्ञान प्रदान करता है। प्रत्येक विषय के लिए, एक विशेष शिक्षक होता है जो सीखने की प्रक्रिया के दौरान छात्रों का मार्गदर्शन करता है।
शिक्षक बनने के लिए आपको अपने क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। शैक्षणिक पथ की बात करें तो आपने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की होगी। उसके बाद, आप जिस आयु वर्ग को पढ़ाना चाहते हैं, उसके आधार पर योग्यताएँ अलग-अलग होती हैं। इन सब प्रोसेस के बारे में इस ब्लॉग में संपूर्ण जानकारी दी गई है
अब एनईपी के तहत होगी टीचर्स की भर्ती, 2030 से 4 वर्ष B.Ed वाले ही बनेंगे शिक्षक
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने बताया कि एनईपी 2020 की सिफारिशों के तहत ही चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है।
चार वर्षीय बीएड या फिर चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) डिग्री धारक ही 2030 से टीचर्स बन पाएंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के सिफारिशों के आधार पर, नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता की सीमा तय कर दी गई है।
इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड जैसे कोर्स शामिल है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 में खास बात यह है कि 41 यूनिवर्सिटी में इस पायलट प्रोजेक्ट में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। एनटीए, राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के आनलाइन आवेदन के लिए अगले हफ्ते साइट ओपन कर देगी। वर्तमान में टीचर बनने के लिए 2 वर्षीय बीएड ,2 वर्षीय बीटीसी,4 वर्षीय बीएलएड, एनटीटी आदि कई तरह के शिक्षक कोर्स चलाए जाते हैं जिनके आधार पर शिक्षक की भर्ती की जाती हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में बीएड और बीटीसी डिग्री वाले मौजूद हैं जो शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के साथ किया जा रहा बदलाव
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीईटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह का कहना है कि एनईपी 2020 के परिस्थितियों के आधार पर ही यूनिवर्सिटी में चार वर्षीय बीएड प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। एनईपी 2020के पॉलिसी के तहत ही 2030 से स्कूल में टीचर्स बनने के लिए शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता भी पॉलिसी के अनुसार ही तय कर दिया गया है। इसमें चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय Integrated Teacher Education Program (आईटीईपी) डिग्री प्राप्त करने वालों को महत्त्व दिया जा रहा हैं।
यह पाठ्यक्रम(Syllabus) नई स्कूल संरचना के चार स्टेप्स यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी जोकि 5+3+3+4 के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा।
आईटीईपी न केवल आधुनिक रूप से शिक्षित करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN), inclusive education और भारत के मूल्यों, आचारों, कला, परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का बेस बनाने में भी कारगर साबित होगा। यह सिलेबस पूरे टीचर्स को शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने में बड़ा योगदान देगा। भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण(multidisciplinary environment) के माध्यम से इस सिलेब्स से पास होने वाले भावी टीचर को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा। इस प्रकार वे नए भारत के श्रेष्ठ भविष्य को स्वरूप देने में मुख्य भूमिका भी निभाएंगे।
प्रारंभिक शिक्षा में बदलाव ही लक्ष्य
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के मकसद से राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड सिलेबस के साथ कोर्स शुरू किया जा रहा है। यह एक दो डिग्रियों के समावेश वाला डिग्री हो सकता है। 12वीं कक्षा के बाद जो छात्र शिक्षक के रूप में अपना भविष्य बनाना चाहेंगे, वे बीए-बीएड, बीकॉम-बीएड और बीएससी-बीएड प्रोग्राम में से किसी एक में प्रवेश ले कर बीएड कर सकेंगे। हालांकि अभी कुछ समय तक पहले की तरह दो वर्ष वाला बीएड प्रोग्राम भी फिलहाल चलता रहेगा। पहले शिक्षक बनने के लिए छात्रों को तीन साल की स्नातक डिग्रीऔर दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम की पढ़ाई करनी होती थी। इसमें पांच वर्ष का समय लग जाता था, लेकिन अब नए प्रारूप के साथ चार वर्ष में शिक्षक डिग्री आपको मिल पाएगी।
अगले वीक में शुरू होगा ऑनलाइन एप्लीकेशन
शैक्षणिक सत्र से पहले पायलट प्रोजेक्ट के साथ इस नए प्रोग्राम को 41 यूनीवर्सिटी में चार वर्षीय बीएड या चार वर्षीय आईटीईपी शुरू किया जायेगा। इसमें एडमिशन लेने के लिए एनटीए राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी। जून या जुलाई में होने वाली राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए एनटीए अगले सप्ताह से ऑनलाइन एप्लीकेशन अप्लाई करने के लिए साइट ओपन करेगी। इसी की मेरिट से एडमिशन दिया जायेगा। हर एक बैच में 50 छात्र होंगे। कुछ विश्वविद्यालयों को दो-दो बैच में पढ़ाई की अनुमति भी सुविधाओं को देखते हुए दी गई है।
दूसरा पायलट प्रोजेक्ट 2024 सत्र से
एनसीटीई शैक्षणिक सत्र 2024-25 से चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (one year integrated teacher education program) का दूसरा पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। इसके लिए एनसीटीई(NCTE) ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से एप्लीकेशन अप्लाई किए गए है। जो उच्च शिक्षण संस्थान इसमें शामिल होना चाहते है वह 31 मई तक अप्लाई कर सकते हैं। दूसरे पायलट प्रोजेक्ट में कॉलेज भी अप्लाई कर पाएंगे।