Right to health Bill:-11 जुलाई 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार विधानसभा द्वारा पारित स्वास्थ्य अधिकार अधिनियम 2022 के सम्बन्ध मे बनाए जा रहे नियम व उपनियमो के लिए एक उच्चस्तरीय समित गठित की गई है|
क्यों हो रहा है विरोध ? स्वास्थ्य का अधिकार कानून (Right to health bill) के तहत प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे| नया कानून आने के बाद निजी अस्पताल बिना किसी पेमेंट के इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे| इसी कारण निजी अस्पतालों (jaipur Private hospital) के डॉक्टर इस बिल के विरोध में उतर आए हैं| डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता की और इस बिल में बदलाव करने के सुझाव दिए| फिलहाल डॉक्टरों द्वारा बताए गए सुझावों पर अमल नहीं हुआ है|
राइट टू हेल्थ बिल में निजी अस्पतालों को भी सरकारी योजना के अनुसार सभी बीमारियों का इलाज निशुल्क करना है| निजी अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालों पर थोप रही है| सरकार अपनी योजना को सरकारी अस्पतालों के जरिए लागू कर सकती है| इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों को बाध्य क्यों किया जा रहा है| योजनाओं के पैकेज अस्पताल में इलाज और सुविधाओं के खर्च के मुताबिक नहीं है| ऐसे में इलाज का खर्च कैसे निकालेंगे| इससे या तो अस्पताल बंद हो जाएंगे या फिर ट्रीटमेंट की क्वालिटी पर असर पड़ेगा|